
बिलासपुर । आज समस्त मितातनीं महिलाओं ने सी एम एच ओ दप्तर पहुँच कर किया जोरदार प्रदर्शन और अपने हक की राशि के लिए सरकार से लगाई गुहार और सीएमएचओ ऑफिस ज्ञापन देने पहुँची लेकिन शासकीय अवकाश होने की वजह से वे उनकी फरियाद सी एम एच ओ तक नही पहुंचा सकी और उन्होंने जोरदार प्रदर्शन करते हुए पुन: सोमवार को ज्ञापन सौपते की बात कहते हुए सरकार पर लगाये गम्भीर आरोप।
ज्ञात हो कि मितानिन स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम द्वारा सौंपी गई हर जिम्मेदार का निर्वहन विगत कई वर्षों से करती आ रही है और घर-घर पहुंच लोगों तक स्वास्थ्य संबंधित जानकारी अथवा उससे बचने का उपाय भी बताने का जिम्मा भी इन्हीं का होता है इसके एवज में सरकार उनको एक नियत वेतनमान प्रदान करती है यहां आपको यह भी बताना लाजमी हो जाता विगत डेढ़ 2 वर्षों से कोरोना काल की महामारी के समय उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए लगातार लोगों की रक्षा और उन्हें इस महामारी से बचाने के उपाय बताने के लिए घर-घर पहुंच सेवाएं देती रही इन्होंने सरकार पर यह आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा कोरोना काल की ड्यूटी करने पर प्रति मितानिन को ?1000 अतिरिक्त दिया जाएगा जिसे आज तारीख तक नहीं दिया गया पूछने पर अधिकारी उनसे दुव्र्यवहार कर उन्हें भगा देते हैं और तो और विगत डेढ़ वर्ष से इनको तय वेतनमान भी नहीं दिया गया जिसकी वजह से इनके परिवार की दयनीय स्थिति हो चली है अब यहां एक बात यह भी आती है इतने कम वेतनमान में अपनी जान जोखिम में डालकर यह दिन रात मेहनत करने वाली मितानिन का मेहनताना सरकार आखिर क्यों नहीं दे पा रहीज्? और अधिकारियों द्वारा कोविड-19 में सेवाएं देने पर अतिरिक्त 1000 देने का जो वादा किया था उसको भी नहीं निभा पा रही आखिरकार ऐसा क्योंज्? इनका आखिर दोष क्या हैज्? आज सच में अगर गहराई से देखा जाए तो इन लोगों की सेवाएं बहुत काबिले तारीफ हैं पूरे कोरोना काल में उन्होंने अपने घर- परिवार को छोड़कर घर घर जाकर लोगों को जागरूक किया तथा कोरोनावायरस की विकराल महामारी से बचने के उपाय भी जन-जन तक पहुंचाया है।
